आज की कहानी शुरू होती है एक मुठ्ठलपुर गांव से जहां 3 लोग रहते थे जो कि गांव में मुठ्ठी मारते फिरते थे
जिसमे पहले का नाम झगन है।
दूसरे का नाम मगन है।
तीसरे का नाम बूचान है।
तीनों एक नंबर के मुठ्ठीबाज होते है।
एक बार तीनों लोग इकठ्ठा होते हैं। तभी तीनों सोचने लगते है।
1. और फिर झगन बोलता है।
आखिर कब तक इस लौड़े को रुलाते रहेंगे।
यूं ही बिन वजह इसे हिलाते रहेंगे।
कब तक हमे लोग मुठ्ठल पुकारते रहेंगे।
अरे अब तो ए लौड़ा भी रहम मांग रहा होगा।
आखिर कब तक इसे हाथो से मनाते रहेंगे।
2. तभी मगन बोलता है।
बहुत हुआ हिलना अब तो कुछ नया कोशिश करेंगे हम।
बहुत जी लिए इसके लिए अब बगैर इसके जिएंगे हम।
एक बढ़िया ताजी चूत की जरूर तलाश करेंगे हम।
बहुत दुःखी हुआ होगा हमारा लौड़ा
अब चूत से इसे खुशी करेंगे हम।
3. और फिर बूचान कहता है।
बात तुम्हारी ठीक है लेकिन कहा से लायेंगे ताजी चूत।
जब तक नहीं मिलेगी हमको हाथ में पकड़ आराम से सूत।
आज कल के लड़कियों के पास चूत नहीं होते मजबूत।
सच सच तुमसे कहूंगा मैं ।कभी नही बोलूंगा झूठ।
और फिर तीनों चूत की तलाश मे निकल पड़ते हैं। चलते चलते तीनों थक जाते है। तभी तीनों को बड़ी जोर से प्यास लगती है। और फिर बूचान पानी लेने एक बगल के गांव में जाता है।
वहा एक घर मिलता है। जिसके अंदर घपा घप चालू रहता है। घपा घप देख कर बूचान का लौड़ा खड़ा हो जाता है। और जोर जोर से बूचान से कहने लगता है।
इतना दिन तुम्हे घूमते हो गया। नही मिला कोई गांड की सूत।
मेरे लिए तो सबसे बढ़िया लगता है ए चूत।
तभी बूचान अपने लौड़े को समझाते हुए कहता है।
ए चूत है पुरानी तुमको नई चूत दिलवाऊंगा।
तुम्हारे अंदर जाने से नया भोषड़ा खुलवाऊंगा।
तुम्हारे लिए
Nest part 2 coming soon…..